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भूटान में —-खाने का मजा और नशा

भूटान में —-खाने का मजा और नशा

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March 19, 2019

Mohini Mittal

भूटान में इस ऋतु में मौसम पल पल बदलता है , इसलिए भूटान जैसे सुंदर राज्य में मौसम का लुत्फ़ उठाने का यह सर्वोत्तम समय है ! भूटान खूबसूरत वादियों – घाटियों और शानदार पहाड़ियों का घर तो है ही साथ साथ अपने लजीज भोजन के लिए भी यात्रियों को आमंत्रित करता है I

भूटान वासियों को मिर्च मसालों से प्यार है I यह स्थान मन को तृप्त करने वाले चटपटे भोजन के लिए जाना जाता

है I अनेकों प्रकार के व्यंजन इनके भोजन का अंग हैं ! मुख्य बात क्या है कि ज्यादातर व्यंजन मांसाहारी हैं पर यहाँ की जनसंख्या का एक बड़ा भाग शाकाहारी है इसलिए शाकाहारी व्यंजनों की संख्या भी कम नहीं है I

यद्यपि यह स्थान मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने के लिए प्रसिद्ध है पर बदलते समय और बढ़ती हुई सुविधाओं के साथ इसमें परिवर्तन आ रहा है I अब अन्य अनेक प्रकार के बर्तनों का प्रयोग और प्रचलन बढ़ता जा रहा है I चावल इनके रोजाना के खाने का मुख्य भाग है I इनका प्रिय भोजन ऐमा दात्शी के साथ चावल है —— मिर्च और पनीर से तैयार किया गया ऐमा दात्शी I देश के अलग अलग भाग अपने अलग प्रकार के व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध हैं I भूटान आने वाला हर यात्री इनका मजा उठा सके बस इसीलिए विभिन्न प्रसिद्ध व्यंजनों की मैंने यह सूची तैयार की है I

ऐमा दात्शी

Then they posed for me.

भूटान की द्ज़ोंग्खा भाषा में दात्शी का अर्थ है –पनीर I ये लोग अधिकतर सभी शोरबे वाली सब्जियों में पनीर का प्रयोग करते हैं I यहाँ के लोग ऐमा दात्शी का प्रयोग सबसे अधिक करते हैं I यह मिर्च और पनीर से बना एक प्रकार का स्टयू है I (ऐमा का अर्थ है मिर्च ) हो सकता है कि कुछ लोगों को यह बहुत तीखा लगे ( मुंह जलाने वाला तीखा ) पर ऐसा कहा जा सकता है कि भूटानियों की यह राष्ट्रीय डिश है यह यहाँ का मशहूर और सर्वाधिक प्रिय खाना है I यहाँ के निवासियों को जितना मिर्च से विशेष प्रेम है उतना ही प्यार पनीर से भी है I हर सब्जी में ये दोनों चीज़ें मुख्य रूप से प्रयोग की जाती हैं I

लाल चावल

बुमथांग क्षेत्र को छोड़कर बाकी सभी जगह यह चावल यहाँ के निवासियों का मुख्य भोजन है I हिमालय पर बसे इस देश के पूर्वी क्षेत्र में यह बहुतायत से उगता है I मध्यम श्रेणी का यह चावल ग्लूटन फ्री , गेहूं मुक्त और खनिजों से भरा है I स्वास्थ्य के लिए अत्यंत पौष्टिक है I हर स्थान पर आसानी से मिलता है , खाने में और स्वाद में खड़ा -खड़ा सा रहता है ( नटी ), चटपटे भोजन के साथ इसका विशेष मेल है I भूटानी अधिकतर मशरूम मिर्ची से बनी सब्जी या ऐमा दात्शी , शामी दात्शी , खेवा दात्शी या पनीर मिले “मीट “के साथ ये चावल खाना पसंद करते हैं I

जशा मारू या केवल मारु

एक और डिश जिसे यात्री पसंद करेंगे जशा मारु है , यह भी एक स्ट्यू है — यह डिश प्याज, अदरक , टमाटर ,धनिया , लहसुन, मिर्च और ‘ चिकन ‘ से तैयार की जाती है I इस डिश को खूब सारे ‘चिकन ब्रोथ’ के साथ सर्व किया जाता है I चिकन के बजाय इसमें ‘बीफ ‘ का भी प्रयोग किया जा सकता है I इस स्ट्यू को भी यहाँ के निवासी लाल चावल के साथ प्रेम पूर्वक खाते हैं I

पक्षा-पा

पा का अर्थ है ‘करी, ग्रेवी या मीट का स्ट्यू ‘ , भूटानियों का ये एक और प्रिय व्यंजन है जो ‘पोर्क ‘ से बनता है ‘पोर्क’ के बड़े -बड़े स्लाइसेज को साबुत लाल मिर्च, अदरक और’ बोक- चोय के साथ ‘स्टिर-फ्राई ‘ करते हैं I यह स्वाद में काफी तीखी और चरपरी बनती है i कभी -कभी बक -चोय की जगह पहाड़ों पर मिलने वाली सब्जियों जैसे मूली या पालक का प्रयोग भी कर लेते हैं I पक्षा-पा का प्रयोग चावल के साथ अन्य प्रकार की दात्शी को मिला कर करते हैं I

झोउ शुंगो

यह स्थानीय निवासियों का एक और प्रिय भोजन है , यह आसानी से और जल्दी तैयार होने वाला व्यंजन है क्योंकि यह सभी बची हुई सब्जियों और लाल चावल को मिलाकर बनाया जाता है I यह स्वास्थ्य के लिए तो अच्छा है ही साथ ही यह भी सुनिश्चित करता है कि बचा हुआ भोजन फेंका न जाय I

जाजू सूप

यह मुख्य भोजन के साथ पिया जाना वाला सूप है और भूटानियों की विशेष पसंद है , यह हरी पत्ते वाली सब्जियों से बनाया जाता है –जैसे पालक या शलगम I उबली हुई सब्जी के पानी में दूध और मक्खन मिलाकर इसे तैयार किया जाता है I कभी -कभी और स्वादिष्ट बनाने के लिए पनीर भी मिलाया जाता है I

जाशा शोम

यह’ बीफ’ से बनाये जाना वाला एक और प्रकार का’ स्टयू’ है , स्वाद के लिए इसमें अदरक ,लहसुन, प्याज ,मिर्च आदि मिलाया जाता है I कभी – कभी मशरूम मिला कर भी तैयार किया जाता है I

होईंन्टे

संसार में ‘मोमो ‘ बहुत’ प्रसिद्ध हैं , यह भूटानी प्रकार का मोमो है I इस का जन्म भूटान की ‘हां – घाटी ‘से हुआ है I यह भूटानी ‘बक व्हीट’ से तैयार किया जाता है I यह भाप से भी बनाया जाता है या तला भी जाता है I इसमें भरी जाने वाली चीज़ें शाकाहारी या मांसाहारी दोनों हो सकते हैं जैसे सब्जियाँ या पत्तेदार हरी सब्जियाँ या पनीर या मीट I इस मोमो का इस्तेमाल भूटान में बनी हुई एक स्पेशल ‘ चिली सॉस ‘के साथ किया जाता है , इस सॉस को ये लोग इजे चिली सॉस कहते हैं I

लोम

यह एक शाकाहारी व्यंजन है I यह शलगम की पत्तियों से बनाया जाता है I पहले सरसों के तेल में पत्तों को हल्का भूना (सोते ) जाता है ,फिर भूटानियों के मन पसंद मिर्च मसाले मिलाकर तैयार किया जाता है I मुख्य बात क्या है कि इसको इसको लम्बे समय तक रखकर वर्ष भर खाया जा सकता है I एक और अच्छी बात है कि इसको अन्य चीज़ों में मिलाकर जैसे सीकम या सूखे ‘पोर्क ‘आदि में मिलाकर भी खाया जाता है I इससे अन्य चीज़ों का स्वाद भी कई गुना बढ़ जाता है और वे देखने में आकर्षक भी हो जाती हैं I

गोयप

अगर आपको ट्राईप ( मीट स्लाइसेस ) पसंद हैं तो इसके लम्बे -लम्बे टुकड़े (पट्टी जैसे) काटकर सूखी मिर्च ,हरा प्याज और अन्य सब्जियों के साथ कम घी – तेल में भूनकर तैयार किया जाता है I इस गोयप नाम की चीज़ को भूटानी बहुत शौक से खाते हैं I

ज़ूमा

ये एक प्रकार की भूटानी सॉसेज हैं I इसमें भरने के लिए वे पिसा हुआ मीट और पिसा हुआ चावल मिलाते हैं , फिर इसमें हल्के -फुल्के मसाले मिलाकर आँतों में भरकर तैयार किया जाता है I

इजे

अगर भूटान के खाने की बात चले और भूटानी ‘चिली सॉस’ की बात न की जाय तो इस इजे सॉस के साथ अत्याचार हो जायेगा I आप सोचेंगे कि चिली सॉस को भोजन तो नहीं कहा जा सकता है पर भूटान में हर प्रकार के भोजन के साथ एक भिन्न प्रकार की ‘चिली सॉस’ का इस्तेमाल आवश्यक रूप से किया जाता है I कभी -कभी तो यह सॉस नहीं बल्कि सलाद जैसी भी दिखती है , इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि इसका अपना एक अलग अस्तित्व है I भूटानी भोजन में जहाँ तक कल्पना जाती है इसका होना तो अनिवार्य है, इस ही के कारण भोजन का स्वाद अपना एक अनूठापन रखता है I

सूजा

भूटान के स्थानीय निवासी इसका बहुतायत से प्रयोग करते हैं I यह एक प्रकार की मक्खन मिली चाय है , इसको सूजा या पो -चा भी कहते हैं I यह चाय ज्यादातर भोजन के बाद परोसी जाती है — यहां के ठन्डे वातावरण में यह सही भी है I याक के ताजे दूध से तैयार किये गए मक्खन में खमीर उठाया जाता है ,फिर पानी में इस मक्खन को चाय की पत्तियों के साथ उबाला जाता है I यह ड्रिंक झागों से भरा होता है , यह चाय कम लगता / लगती है , ऐसा लगता है कि मक्खन ही पी रहे हैं ( इसमें नमक डलता है ) I इसमें आने वाला नमकीन स्वाद तो लोगों को आश्चर्य में ही डाल देता है I

अरा

अरा या अरग या अर्क या ग्रा कुछ भी कहो यह अल्कोहल वाला ड्रिंक है I इसे चावल ,गेहूं, मक्का , बाजरा , ज्वार या बक -व्हीट किसी से भी तैयार किया जा सकता है I इसमें पहले अनाज में खमीर उठाया जाता है ,फिर छान कर इस्तेमाल करते हैं I देखने में यह सफेद भी होता है और आर – पार दिखने वाला भी होता है , यह कभी – कभी झागदार दूधिया भी होता है I इसकी गंध भी और स्वाद भी दोनों बहुत तेज होते हैं I यहां के लोग इस आरा को मक्खन और अंडे मिलाकर गरमा -गरम भी सर्व करते हैं , तब यह अपने आप में एक पूरा भोजन या व्यंजन बन जाता है I कुछ अन्य प्रकार के ड्रिंक भी होते हैं , इनको बन्चांग – सिन्चांग आदि नामों से पुकारते हैं I इन ड्रिंक्स को तैयार करने के लिए सड़े हुए अनाज में घर का बना ‘यीस्ट ‘ ( खमीर ) मिलाया जाता है I सिन्चांग कूल ड्रिंक है और बन्चांग हॉट ड्रिंक है I
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