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एडवेंचर टूरिजम, रफ ट्रैकिंग फील्ड और वार मेमोरियल देखना चाहते हैं तो आएं कारगिल

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कारगिल

भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद सुर्ख़ियों में आया कारगिल अब धीरे-धीरे अपनी खूबसूरती, वहां के लोग, एडवेंचर टूरिजम, रफ ट्रैकिंग फील्ड और वार मेमोरियल के लिए फेमस होता जा रहा है। Ease India Travel आपको कारगिल की खूबसूरत वादियों के बारे में बताने जा रहा है।

श्रीनगर से तकरीबन 205 और लद्दाख से 370 किलोमीटर दूर स्थित कारगिल पाकिस्तान के साथ साझा होने वाली नियंत्रण रेखा के पास स्थित है। कारगिल दो शब्दों, खार और रकिल से जुड़ कर बना है। खार का मतलब है ‘महल’ और रकिल का मतलब है ‘बीच में’ यानि ‘महल के बीच बसा शहर।’

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देश का सबसे ठंडा स्थान बन जाता है कारगिल

सुरु, जिसे पाकिस्तान में सिंधु नदी भी कहा जाता है, के किनारे बसा कारगिल समुद्र तट से 8,780 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसलिए यहां सालाना औसत तापमान तकरीबन 8.6 डिग्री सेल्सियस रहता है। सर्दीयों में माइनस तापमान के साथ यह देश का सबसे ठंडा स्थान बन जाता है। इसलिए अगर आप एडवेंचर के शौक़ीन हैं तो सर्दियों का मौसम आपके लिए सबसे मुफीद है।

एशियाई और तिब्बती वस्तुओं का बाजार

कारगिल कभी मध्य एशिया के व्यापारियों के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था। लेकिन भारत-चीन संघर्ष के बाद से स्थितियों में काफी बदलाव आया। आज यहां के पुराने बाजार में एशियाई तथा तिब्बती वस्तुओं की प्रमुखता है। आप यहां से खास तम्बाकू, तांबे की केतलियां और हुक्के, पर्वतारोहण संबंधी सामान, पशमीना शॉल, तिब्बती चटाईयां तथा लकड़ी के बने सामान ख़रीद सकते हैं।

एडवेंचर टूरिजम का बड़ा केंद्र बना कारगिल

कारगिल की पहचान सेना के बड़े बेस कैंप के रूप में भी होती है। हिमालय की गोद में बसे होने और भौगोलिक स्थिति की वजह से यह रोमांचक पर्यटन (एडवेंचर टूरिज़्म) का एक प्रमुख केंद्र है। यहां होने वाले रोमांचक खेल, पर्वतारोहण, माउंटेन बाइकिंग, ट्रैकिंग और रिवर राफ्टिंग पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। हर साल मई महीने में कारगिल में होने वाली तीरंदाजी प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग यहां आते हैं।

यहां से देखें हिमालय का अद्भुत नज़ारा

कारगिल से गोमा कारगिल के बीच का नज़ारा आपको आश्चर्यचकित कर देगा। इन दोनों के बीच तकरीबन दो किलोमीटर की दूरी है। यहां स्थित सुरु नदी पर बने पुराने लकड़ी के पुल से गुज़र कर पोयेन गांव जा सकते हैं। यहां से शहर तथा हिमालय का अद्भुत नज़ारा देखने को मिलता है।

कारगिल के लोग

कारगिल घूमने के दौरान आप यहां की सबसे पुरानी आदिवासी प्रजाति, मिनारोज से भी मुलाकात कर सकते हैं। कहते हैं कि वे सिकंदर की सेना का हिस्सा रह चुके हैं। ये ऊनी ट्यूनिक पहनते हैं, जिसके किनारों पर शानदार कड़ाई होती है। सिर पर यह एक भारी टोपी पहनते हैं, जिसमें सूखे फूल, कांटे तथा रिबन लगे होते हैं।

कारगिल में यह जरुर देखें

द्रास वार स्मारक: भारतीय सेना ने 1999 के कारगिल युद्ध के शहीदों की याद में इसका निर्माण किया था, जो कि द्रास से लगभग छह किमी दूर टाइगर हिल के पास स्थित है। भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध मई-जून 1999 में शुरू हुआ था। भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ शुरू किया और एक भीषण युद्ध में घुसपैठियों को बाहर निकालने के बाद क्षेत्र को फिर से अपने नियंत्रण में ले लिया। इसमें भारतीय सेना के हजारों जवान शहीद हुए थे।

रंगदुम मोनेस्ट्री (मठ): समुद्र तट से 4031 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रंगदुम मठ का निर्माण 18वीं शताब्दी में बौध भिक्षुओं द्वारा किया गया था। यह अपनी बेहतरीन पेंटिंग्स के लिए जाना जाता है। इसके मध्य भाग में बने प्रार्थना स्थल पर खूबसूरत तिब्बती चित्रकारी की गई है।

मुलबेख मोनेस्ट्री: इस स्थान का मुख्य आकर्षण 9 मीटर ऊंची मैत्रेय चट्टान है, जिसे भविष्य का बुद्ध कहा जाता है। यह बौद्ध कला का उत्कृष्ट नमूना है। कई इतिहास कार इसे भगवान शिव की प्रतिमा भी कहते हैं।

कारगिल में कहां रहा जाए?

कारगिल के होटलों को ए, बी और सी कैटगरी में वर्गीकृत किया गया है। जिन्हें ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। यहां दो टूरिस्ट बंगले हैं, जिनमें 3 सुईट और 15 फर्निश्ड कमरे हैं। रुम बुक करने के लिए आपको कारगिल पर्यटक कार्यालय से संपर्क करना होगा। इसके अलावा 6 सुसज्जित कमरों का एक सर्किट हाउस भी है, जिसे सिर्फ डीसी (डिप्टी कमिश्नर) कार्यालय के माध्यम से बुक किया जा सकता है।

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